Saturday, December 7, 2013

ताली


वो पीटते हैं ताली
बायीं हथेली पर रखकर दायाँ हाथ
मैं पूछता हूँ माँ से                                                    
क्यों नहीं बजाते लोग ताली
दायीं हथेली पर रख कर बायाँ हाथ?
माँ कुछ नहीं कहती
दादी भी जवाब नहीं देती।
अगले दिन
भविष्य का बायस्कोप दिखाने
आते हैं घर में पंडितजी
देखते हैं माँ का बायाँ हाथ
और पिता जी का दायाँ
मैं समझ जाता हूँ सारा गणित
कि स्त्री का भविष्य
बाएं हाथ में होता है
और
पुरुष का दाएं में,
इसीलिए ठोकते हैं
वो ताली
बायीं हथेली पर रख कर दायाँ हाथ।

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